हरियाणा में चार कंपनियों की कफ सिरप बिक्री पर रोक, स्वास्थ्य विभाग ने जारी किए सख्त निर्देश

हरियाणा सरकार ने राज्य में बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए एक बड़ा कदम उठाया है। प्रदेश के खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग (एफडीए) ने चार दवा कंपनियों की कफ सिरप की बिक्री और वितरण पर रोक लगा दी है। यह फैसला मध्य प्रदेश और राजस्थान में कथित रूप से कुछ बच्चों की मौत के बाद लिया गया, जिनकी जांच में इन सिरपों की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल उठे थे।

किन कंपनियों की सिरप पर लगी रोक

विभाग ने गुजरात की रेडसन फार्मास्यूटिकल्स, तमिलनाडु की श्रीसाम फार्मा, हिमाचल प्रदेश की क्वाल्टिक्योर फार्मा और कॉर्टिस लाइफ केयर कंपनियों द्वारा बनाए गए कुछ सिरपों की बिक्री रोकने के निर्देश जारी किए हैं। इन सिरपों में हाईड्रोक्लोराइड, गुइफेनेसिन, मेंथॉल सिरप जैसे तत्व शामिल हैं, जो बच्चों के स्वास्थ्य पर गंभीर दुष्प्रभाव डाल सकते हैं।

एफडीए ने जारी किए आदेश

राज्य औषधि नियंत्रक ललित गोयल ने सभी औषधि निरीक्षकों को आदेश दिया है कि संबंधित कंपनियों के उत्पादों का तुरंत स्टॉक सीज किया जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि यह सिरप बाजार में आगे न बेचा जाए। गोयल ने बताया कि सभी जिला स्तर के अधिकारियों को जांच अभियान तेज करने और मेडिकल स्टोर्स से इन सिरपों को हटाने के निर्देश दिए गए हैं।

मौतों के बाद हुई कार्रवाई

मध्य प्रदेश और राजस्थान में हाल ही में दर्जनों बच्चों की मौत के बाद यह मामला गंभीर रूप से सामने आया। रिपोर्टों में कहा गया कि इन बच्चों ने इलाज के दौरान संदिग्ध गुणवत्ता वाले कफ सिरप का सेवन किया था, जिसके बाद उनकी तबीयत बिगड़ी और कुछ की जान चली गई। इसी घटना के बाद हरियाणा सरकार ने एहतियात के तौर पर यह सख्त कदम उठाया है।

WHO ने भी मांगा जवाब

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भारत सरकार से इस मामले पर स्पष्टीकरण और विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। डब्ल्यूएचओ का कहना है कि भारत से निर्यात होने वाली कुछ दवाओं की गुणवत्ता पर लगातार शिकायतें मिल रही हैं, इसलिए जरूरी है कि केंद्र सरकार इस पर तुरंत कार्रवाई करे।

विभाग की सख्ती और जनता को चेतावनी

हरियाणा के स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि इन सिरपों के सैंपल को लैब में परीक्षण के लिए भेजा गया है। जांच रिपोर्ट आने तक सभी मेडिकल स्टोर्स, अस्पतालों और वितरकों को निर्देश दिए गए हैं कि वे संबंधित कंपनियों के सिरप की बिक्री तुरंत रोक दें।
विभाग ने आम जनता से भी अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध या बिना डॉक्टर की सलाह वाले कफ सिरप का इस्तेमाल न करें।

संभावित खतरा

जानकारों का कहना है कि इन सिरपों में कुछ रासायनिक तत्व ऐसे हैं जो बच्चों के गुर्दे और लिवर को नुकसान पहुंचा सकते हैं। कुछ मामलों में यह विषाक्तता (टॉक्सिसिटी) का कारण बनते हैं, जिससे मौत तक हो सकती है।