सरकार के पास पहुंचे 11 नए जिले, 14 उपमंडल, चार तहसील और 27 उप तहसील, यहां से जाने नाम

हरियाणा सरकार के पास प्रदेश में 11 नए जिले, 14 उपमंडल, चार तहसील और 27 उप तहसील बनाने के प्रस्ताव पहुँचे हैं। यह प्रस्ताव विभिन्न समितियों और पंचायत प्रतिनिधियों की सिफारिशों पर आधारित है। राज्य में बढ़ती जनसंख्या और प्रशासनिक दबाव को देखते हुए सरकार ने इन प्रस्तावों पर गंभीरता से विचार करना शुरू किया है।

किन-किन जगहों से आई मांग

नए जिलों के लिए सबसे अधिक मांग असंध, नारायणगढ़, मानेसर, पिहोवा, दरबाल, सफीदों, पटौदी, डबवाली, हांसी और गोहाना क्षेत्रों से उठी है। स्थानीय पंचायतों और सामाजिक संगठनों का कहना है कि इन इलाकों की आबादी और भौगोलिक स्थिति को देखते हुए इन्हें स्वतंत्र जिला दर्जा मिलना चाहिए।

जनसंख्या और भौगोलिक मानक

किसी भी क्षेत्र को नया जिला बनाने के लिए न्यूनतम चार लाख की आबादी और 125 से 200 गाँवों का होना जरूरी है। इन मानकों के आधार पर उपमंडल स्तर की समितियों ने सरकार को अपनी सिफारिशें भेजी हैं। फिलहाल प्रदेश में छह मंडल, 80 उपमंडल, 94 तहसील और 6841 गाँव शामिल हैं।

समितियों की भूमिका

मुख्यमंत्री के निर्देश पर बनी उप समितियों ने प्रदेशभर से प्राप्त मांगों का परीक्षण कर 73 प्रस्ताव सरकार को सौंपे हैं। इनमें 11 नए जिलों और कई उप तहसीलों को लेकर सिफारिशें शामिल हैं। उदाहरण के लिए, गांव खुमापुर रोषण को तहसील पिहोवा से निकालकर जींद जिले में शामिल करने का सुझाव दिया गया है।

समय सीमा का दबाव

राज्य सरकार के सामने एक बड़ी चुनौती समय सीमा है। यदि 31 दिसंबर तक नए जिले और तहसील नहीं बनाए जाते तो इसके लिए डेढ़ साल का इंतजार करना होगा। ऐसा इसलिए क्योंकि एक अप्रैल से जनगणना की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी और जनगणना के दौरान प्रशासनिक ढांचे में कोई बदलाव नहीं किया जा सकता। इसका मतलब है कि नए जिले और तहसील के गठन का काम वर्ष 2027 तक टल सकता है।